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Tuesday 30 August 2011

rajneeti se hi mile......

राजनीति  से ही मिले , प्रजातंत्र  का स्वाद |
'होरी' बिन सत्ता रहो , भिक्षुक   से  आबाद ||
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सत्ता औ साहित्य से , वर्ण  उच्च हो जाय |
'होरी' कैसे , कब कहो , कौन इन्हें  समझाय ||
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राजनीति  से जो  रहे  , सदा    दूर    ही  दूर |
'होरी' पिछड़े वे  बने   , सदियों से        भरपूर ||
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               राज कुमार सचान 'होरी' 

Monday 29 August 2011

kisanon ke liye

किसानों  के लिए .....
                   [१] मूल्य तो कम ही मिलेगा , लागतें  ज्यादा सही ,
                      'होरी' यही तो कृषि  उपज का, राजनीतिक   खेल है |
                  [२] उत्तम खेती  ही  कहेंगे ,अधम से  भी  अधम  हो ,
                     'होरी' यही  तो, शहरियों की  कृषि  विरोधी   चाल है |
                  [३] देशी कृषक  को ,  मूल्य   कम , सुविधाएँ    कम ,
                     'होरी' विदेशी अन्न   के , हम तो कायल   पूर्व  से |

Thursday 25 August 2011

EK GAZAL APNON KE LIYE

              एक ग़ज़ल  अपनों के लिए ....
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[1] औरों  की  ओर  ताकते कब तक युं रहोगे ,
 'होरी' स्वयं के   मध्य  से    नेता    उभारिये |
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[२] गैरों की  आरती   तो उतारी   है अब तलक ,
    'होरी'     सहोदरों   की  आरती     उतारिये   |
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[३] लड़ते रहे हैं  आप सदा     निज  कुटुंब से ,
    'होरी' अदावतों   को तो, अब तो   बिसारिये |
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[४] बीते   हैं  दिन बहुत,  यह शिर नीचे  किये हुए,
    'होरी' जी अपने आप को, अब तो   सम्हारिये |
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[5] आपस की रंजिशों का यह,  शैतान जी लिया ,
     'होरी' जी इस शैतान    का , सर  अब उतारिये |
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 [६] गैरों   के  लिए   अपनों   को  मारा  है आपने ,
    'होरी' इन  अपनों को  नहीं , अब  और    मारिये |
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                 राज कुमार सचान  'होरी'

Sunday 21 August 2011

ANNA KE NAAM 'HORI' KI KHULI CHITTHI

  अगर लोकपाल  तानाशाह  बन गया .....
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अन्ना जी आपको सम्पूर्ण  आदर के साथ प्रणाम  करते हुए कहना चाहता हूँ  कि हमारे   संविधान निर्माताओं , स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले नेताओं ने ऐसी  व्यवस्था की थी जिस से प्रधान मंत्री , राष्ट्रपति , सेनाओं का प्रमुख ,उच्चतम न्यायलय का मुख्य न्यायाधीश  इनमे से कोई भी इतना सर्वशक्तिमान न बनने पाए  की एक दिन वह तानाशाह ही बन कर देश की सारी सत्ता  अपने हाथ में ले ले | इसी का परिणाम है की देश सुरक्षित है | इसी कारण आप और आप के साथ जनता आन्दोलन कर पा रही है , हर किसी को अपनी बात रखने में स्वतंत्रता है | भूल गए ७५ की इमरजेंसी ?
                        आप अपने आन्दोलन और अनसन के बल पर अगर संसद को झुका कर एक सर्वशक्तिमान , तानाशाह  लोकपाल बनवाने  में सफल हो गए और भविष्य में एक तानाशाह लोकपाल आ गया , प्रजातंत्र को नष्ट कर दिया  तब यह देश बिखर जायेगा , जिसके लिए आपको भावी पीढियां क्षमा नहीं करेंगी और न ही गाँधी , सरदार पटेल , सुभाष  , भगत सिंह जैसे अनेकों की आत्माएं तुम्हे कभी माफ़ करेंगी | अभी समय है ...थोडा सोचो ... तुम्हारे साथी भी सोचें  ऐसे ही आज़ादी नहीं मिली , इसे फिर गंवाना नहीं चाहेंगे |
                            एक और महत्वपूर्ण तथ्य  जनलोकपाल यानि अन्ना के लोकपाल पर ...शिकायत कर्ता को इतनी छूट  है कि गैर जिम्मेदाराना शिकायतों की बाढ़ आजायेगी , कार्यपालिका के काम शिथिल पड़ जायेंगे| कर्मचारी , अधिकारी , मंत्री और अन्य निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति शिकायतों के भय से  काम में अनावश्यक  विलम्ब करेंगे | कुछ  दलाल और माफिया  प्रकार के लोग कार्यपालिका को हर स्तर पर ब्लैकमेल करेंगे , परिणाम स्वरुप देश का विकास बाधित होगा |
                                         अन्ना उनके साथियों, और जनता   के नाम खुली चिट्ठी 
                                                  राज कुमार सचान 'होरी'

Saturday 20 August 2011

SAMAJ ,CHINTA , AUR CHINTAN

भ्रष्टाचार के विरुद्ध सारे देश का आन्दोलन ..
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अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
                                                       महा संघ में जो जहां  है वहीँ  अपना उत्तरदायित्व  ग्रहण करें | संपर्क करें ...ब्लॉग में दिए गए  ई मेल्स  के माध्यम से |
                                                                     kurmikshatriyamahaasangh. blogspot .com