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Saturday, 31 December 2011

HAPPY NEW YR

चांदी जैसा आज हो , कल कंचन की खान |
हीरे सा नव वर्ष हो ,  शुभ  कामना सचान ||
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दो  जीरो बारह छुएं , निज कर से  आकाश |
'होरी ' की शुभ कामना , जीवन भरे  प्रकाश ||
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     राज कुमार सचान 'होरी'

Sunday, 27 November 2011

1857 ke shaheed


अमर स्वतंत्रता सेनानी राजा जयलाल सिंह और राजा बेनी माधव 
आज  मेरी यात्रा हुयी १८५७ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दो अमर सेनानियों और शहीदों के ग्राम की  ....राजा जय लाल सिंह और राजा बेनीमाधव .मेरे  साथ थे  ..श्री संतराम पटेल प्रदेश  महा सचिव , श्री आर पी पटेल , श्री अम्बिका पटेल .सर्व  प्रथम मिले  रानी सावित्री देवी पत्नी स्वर्गीय राजा विन्देस्वरी प्रसाद सिंह से  उनके निवास अतरौलिया , आजमगढ़ [उत्तर प्रदेश ] रानी जो इस समय लगभग ८० वर्ष की हैं , को अपने साथ लेकर गए उनकी रियासत  ग्राम बौडरा जो अतरौलिया से मात्र कुछ किलोमीटर  पर  है और कभी इस रजवाड़े का शस्त्रागार था .
                                                     १८५७ के स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध में लखनऊ में नवाब के सेनापति के रूप में अंग्रेजों से लोहा लिया था राजा जयलाल सिंह ,उनके भाई राजा रघुबर दयाल तथा उनके पिता  राजा दर्शन सिंह ने .राजा जय लाल की वीरता और नेतृत्व  के कारण लखनऊ में भीषण संग्राम हुआ जिसमे अनेकों बार अंग्रेज सेनाएं परास्त हुयीं . शहीद राजा जय लाल सिंह रानी लक्ष्मी बायीं ,नाना  साहब और तात्या टोपे के साथ तालमेल   कर   युद्ध  लड़  रहे   थे . जयलाल सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दी.इनका स्मारक पार्क लखनऊ में है .
                              अतरौलिया  ,आजमगढ़ में इन शहीदों का कोई स्मारक नहीं है ,यह अफशोसजनक  है . इनकी वंशावली रानी सावित्री से पूछ  कर बनायीं जो निम्न प्रकार है ......
                                                                  राजा गरीब दास
                                                                      राजा दर्शन सिंह 
[१]पहली रानी                                               [२] मझली रानी                  [३] छोटी रानी 
एक लड़की मात्र                [१]रघुबर दयाल       [२]फ़तेह बहादुर       [१]राजा बेनी माधव [२]राजा जयलाल 
                             [१]रामस्वरूप [२]राम प्रताप                                तेज प्रताप सिंह          ठाकुर प्रसाद सिंह 
                                                                                             [१]बिहारी प्रसाद [२]बद्री नारायण    [१]नरसिंह [२]सतगुरु 
                                                                                                 [१]बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह  [१] खुनखुन सिंह 
                                                                                                     [१]राजेंद्र प्रताप सिंह 
       रानी  श्री मती सावित्री सिंह जिनसे आज भेंट हुयी वह इन्ही बिन्देस्वरी प्रसाद सिंह की पत्नी हैं  जिन्हें लखनऊ में अनेकों बार सम्मानित किया जा चूका है . उनके पुत्र राजेंद्र प्रताप सिंह गाँव में रह कर कृषि कार्य करते हैं . मुख्य मार्ग   फैजाबाद आजमगढ़ से २ किलो मीटर स्थित अमर शहीदों के गाँव तक मात्र खडंजा है ,कंक्रीट मार्ग तक नहीं है . इस परिवार का यही दुःख है जो अंग्रेजों का साथ दे रहे थे उन्होंने इनकी भूमियों , सम्म्पत्तियों में कब्ज़ा कर लिया और आज समाज में सुविधाएँ भोग रहे है . इन्हें तो स्वतंत्रता सेनानी की सुविधाएँ तक नहीं . 
               राजेंद्र प्रताप सिंह से भेंट हुयी .उनके पांच पुत्र और पांच पुत्रिया हैं जो खेती में बस गुजर बसर कर रहे हैं .रानी सावित्री सिंह का mob ....9935435929
                                                      राज कुमार सचान 'होरी'          

Wednesday, 23 November 2011

read patel times


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Tuesday, 22 November 2011

mahrajganj gramin bhraman

महाराजगंज[यु.पी.] में ग्रामीण भ्रमण 
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प्रसिद्ध साहित्यकार और सामाजिक चिन्तक  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय  महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल राज कुमार सचान होरी जनपद महाराजगंज के दो दिवसीय भ्रमण में रहेंगे . ३ दिसंबर और ४ दिसंबर को चार तहसीलों में फैले ग्रामीण क्षेत्र में किसानों से जनसंपर्क कर उनकी कृषि ,परिवारिय समस्यायों पर चर्चा करेंगे .साथ में राष्ट्रीय महा सचिव श्री रामदेव पटेल और प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर  विजय पटेल भी रहेंगे.इनके  अतिरिक्त  विश्राम चौधरी प्रदेश संगठन मंत्री , असोक पटेल प्रदेश महा सचिव , श्री कृष्ण चन्द्र वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष  भी दो दिवसीय दौरे में साथ रहेंगे .महा संघ के गोरखपुर मंडल  के पदाधिकरी भी ग्रामीण भ्रमण करेंगे .महाराजगंज एक खेतिहर  जिला  है जहां पर कुर्मी समाज के किसानों की भारी संख्या है जिनमें से गरीब और पिछड़े  किसानों की संख्या बहुत अधिक है.खेती का व्यवसायिक करण , शहरी रोजगार , सत्ता और साहित्य में भागीदारी पर किसान भाईयों से विमर्श किया जायेगा .जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की उन्नति के लिए  क्या कदम आवश्यक हैं इस पर गहन चिंतन किया जायेगा. 
                                                             अपने गत भ्रमण में श्री होरी ने पाया था की यहाँ  के लोगों में बहुत उत्त्साह है और उर्जा  भी ,इन्हें राष्ट्र  के विकास  की मुख्यधारा  में आसानी से लाया जा सकता है यदि गंभीर पहल की जाय ,इसीको धन में रख राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह दो दिवसीय ग्रामीण भ्रमण कार्यक्रम रखा है. 
            उक्त कार्यक्रम को लेकर  जनपद में समाज के किसानों में भारी उत्साह है.कुर्मी किसानों के साथ ही श्री 'होरी' अन्य समाज के कुछ किसानों से भी मिलेंगे .
                                                                                                         ब्युरोचीफ़ पटेल टाईम्स ,गोरखपुर 

Friday, 18 November 2011

dohaa

जब तक धर्मों की नहीं, मैंने चखी   अफीम |
मेरे  लिए  सामान थे ,   दोनों  राम   रहीम ||
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                                  राज कुमार सचान 'होरी' 

Thursday, 17 November 2011

asha aar.

जानता हूँ ये dasenge  एक दिन मुझको जरूर ,
मजबूर आदत से मगर मै भी सपोले पलता हूँ .
                     राज कुमार सचान 'होरी'

कुर्मी और गरीबी ************************ देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों या व्यवसाय में लगा है.इन 5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को मजबूर है .आज सभी को पता है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही . इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़ में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा . चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे . आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा. राज कुमार सचान 'होरी' राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ

कुर्मी और गरीबी 
************************
देश में सबसे अधिक कुर्मी जाति [९९%] आज भी गांवों में रह रही है . कुर्मी जाति का मात्र 5% नौकरियों  या व्यवसाय में लगा है.इन  5% को छोड़ दें तो ९५% संख्या किसानी कार्यों में आज भी गुज़र बसर करने को  मजबूर है .आज सभी को पता  है की पारंपरिक खेती में शुद्ध लाभ  कुछ भी नहीं है . यही कारण है की किसान की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती चली जा रही है .चूंकि देश में आज सबसे अधिक कुर्मी जाती का ही किसान है इसलिए स्पस्ट है की कुर्मियों की आर्थिक सबसे अधिक खराब होगी ही .
                                   इधर खेती के क्षेत्र में प्राइवेट कम्पनियां धीरे धीरे प्रवेश कर रही हैं जिससे होगा यह की किसानों की भूमि वे लीज़  में ले कर उसी भूमि में उन्ही किसानों को मजदूरों के रूप में रखेंगी  और आज का किसान कल का मजदूर बन जाएगा . आज भी कुछ लघु और सीमान्त किसान मनरेगा में मजदूरी करते देखे जा सकते हैं .वह समय दूर नहीं जब कुर्मी समाज मजदूर बन जायेगा .
                         चेतने का समय है.खेती क्रैश क्राप करके बचायी जा सकती है. जिले के उद्यान अधिकारी से संपर्क कर फलों ,सब्जियों और फूलों खी खेती करना सुरू कर दें .खेतों में अधिक से अधिक टीक [सागौन] के पेड़ लगाएं . यदि १०००[एकहजार] टीक लगाये जाँय तो १५ से २० सालों में वे ३ से ४ करोड़ रूपये तक हो  जायेंगे और मजदूर बन्ने वाला किसान करोडपति बन जायेगा . एक उपाय यह भी है की एक दो बीघा खेत बेच कर अपने पास के कसबे में एक प्लाट ले लें जो कुछ वर्षों में ही आपकी कुल ग्रामीण भूमि से अधिक कीमती हो जायेगा . साथ ही इसके माध्यम से आप शहर में भी आ जायेंगे और नगरीय सुविधाएँ पाने लगेंगे  .
                              आईये जो जागरूक हैं वे चेतें और अपने ग्रामीण परिवारों और मित्रों को इन रास्तों पर ले आयें . यह कुर्मी समाज के साथ बहुत बड़ा उपकार होगा.
                                                                                                    राज कुमार सचान 'होरी' 
                                                                                                           राष्ट्रीय अध्यक्ष ,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ 

Monday, 7 November 2011

patel sajha manch

 कुर्मी  गुर्जर एक उद्भव 
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देश में कुर्मी , कुर्मिक्षत्रिय ,वर्मा  ,कटियार ,सचान , गंगवार ,पटेल, सिग्रौर, चौधरी ,आदि आदि १३०० से भी अधिक नामों से जाने वाली यह जाती भारत के कोने कोने में फैली हुयी है |इसी प्रकार गुर्जर ,गूजर नाम से चिन्हित  जाति मुख्य रूप  से दिल्ली  ,राजस्थान  ,हरियाणा ,गुजरात ,पंजाब  और पश्चिमी  उत्तर प्रदेश में मिलती है | दोनों ही क्षत्रपति शिवाजी और सरदार पटेल को अपना पूर्वज मानती हैं | दोनों के इतिहास से स्पस्ट होता  है की दोनों का उद्गम एक है ,वंश परंपरा एक है ,दोनों खेतिहर ,कर्मठ ,क्षत्रिय जातियां हैं | अन्य अनेकों समानताएं यह बताने के लिए  पर्याप्त हैं कि दोनों ही एक ही जाति हैं |आपस में शादी विवाह हों ,रोटी बेटी के सम्बंध हों इसके लिए अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष  श्री राज कुमार सचान होरी के अथक प्रयाशों  से गुर्जर परिषद्  के पदाधिकारियों से विचार विमर्श के पश्चात यह तैय हुआ कि  आपसी मतभेद और मनभेद भुला कर एक मंच बनाया जाय ,जिसके माध्यम से स्थायी एकता स्थापित की जाय|
               दोनों जातियों के सदस्यों से अनुरोध है कि अपने अपने स्तर से भी एकता के इस पुनीत कार्य  में अपना योगदान अवश्य देते रहें  |इससे  शिवाजी और सरदार पटेल की आत्मा प्रशन्न होंगी और स्वर्ग से आशीर्वाद देंगी |

Thursday, 27 October 2011

भैया दूज मुबारक ***************** भाई की उन्नति , प्रगति के लिए , उसके स्वास्थ्य की कामना लिए , बहन करती है रोचना ,लगाती है टीका ..भाई के माथ | ताकि वह रहे हर पल भाई के साथ , सुख में , दुःख में .....पल पल ,हर पल साथ साथ जीवन भर | राज कुमार सचान 'होरी'


भैया दूज मुबारक 
*****************
भाई की उन्नति , प्रगति के लिए ,
उसके स्वास्थ्य की कामना लिए ,
बहन करती है रोचना ,लगाती है टीका ..भाई के माथ |
ताकि वह रहे हर पल भाई के साथ ,
सुख में , दुःख में .....पल पल ,हर पल साथ साथ 
जीवन भर |
                                      राज कुमार सचान 'होरी'

Wednesday, 26 October 2011

आयिये अब राष्ट्र में, दीप ऐसा हम जलाएं| मन के आँगन में बसे , हर घोर तम को हम भगाएं || रोलियां हर द्वार पर , आयिये हम मिल सजा दें , दीप के इस पर्व को हम, दीप उत्सव फिर मनाएं || राज कुमार सचान 'होरी' आयिये अब राष्ट्र में, दीप ऐसा हम जलाएं| मन के आँगन में बसे , हर घोर तम को हम भगाएं || रोलियां हर द्वार पर , आयिये हम मिल सजा दें , दीप के इस पर्व को हम, दीप उत्सव फिर मनाएं || राज कुमार सचान 'होरी'

आयिये   अब  राष्ट्र   में, दीप  ऐसा   हम     जलाएं|
मन  के आँगन में बसे , हर घोर तम को हम भगाएं ||
रोलियां  हर   द्वार पर , आयिये  हम  मिल  सजा दें ,
दीप  के  इस पर्व  को हम, दीप  उत्सव   फिर  मनाएं  ||
                     राज कुमार सचान 'होरी'   

Saturday, 17 September 2011

KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH: fatehpur visit

KURMI KSHATRIYA MAHAA SANGH: fatehpur visit: राष्ट्रीय अध्यक्ष का फतेहपुर भ्रमण ... *************************************** समाज के सदस्यों ,प्रतिनिधियों के साथ 3 बजे पटेल...

Friday, 2 September 2011

be literary

             In our society  the  person  or class which is  literary is  always  ahead  in comparison  to  others, so we  must  be  literary.

                                         we should  inspire our  children for  becoming  good  writers and poets.  KALAM[ LEKHNI]  is more  powerful than  sword .

                                               Raj kumar  sachaan ‘hori’

Tuesday, 30 August 2011

rajneeti se hi mile......

राजनीति  से ही मिले , प्रजातंत्र  का स्वाद |
'होरी' बिन सत्ता रहो , भिक्षुक   से  आबाद ||
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सत्ता औ साहित्य से , वर्ण  उच्च हो जाय |
'होरी' कैसे , कब कहो , कौन इन्हें  समझाय ||
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राजनीति  से जो  रहे  , सदा    दूर    ही  दूर |
'होरी' पिछड़े वे  बने   , सदियों से        भरपूर ||
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               राज कुमार सचान 'होरी' 

Monday, 29 August 2011

kisanon ke liye

किसानों  के लिए .....
                   [१] मूल्य तो कम ही मिलेगा , लागतें  ज्यादा सही ,
                      'होरी' यही तो कृषि  उपज का, राजनीतिक   खेल है |
                  [२] उत्तम खेती  ही  कहेंगे ,अधम से  भी  अधम  हो ,
                     'होरी' यही  तो, शहरियों की  कृषि  विरोधी   चाल है |
                  [३] देशी कृषक  को ,  मूल्य   कम , सुविधाएँ    कम ,
                     'होरी' विदेशी अन्न   के , हम तो कायल   पूर्व  से |

Thursday, 25 August 2011

EK GAZAL APNON KE LIYE

              एक ग़ज़ल  अपनों के लिए ....
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[1] औरों  की  ओर  ताकते कब तक युं रहोगे ,
 'होरी' स्वयं के   मध्य  से    नेता    उभारिये |
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[२] गैरों की  आरती   तो उतारी   है अब तलक ,
    'होरी'     सहोदरों   की  आरती     उतारिये   |
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[३] लड़ते रहे हैं  आप सदा     निज  कुटुंब से ,
    'होरी' अदावतों   को तो, अब तो   बिसारिये |
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[४] बीते   हैं  दिन बहुत,  यह शिर नीचे  किये हुए,
    'होरी' जी अपने आप को, अब तो   सम्हारिये |
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[5] आपस की रंजिशों का यह,  शैतान जी लिया ,
     'होरी' जी इस शैतान    का , सर  अब उतारिये |
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 [६] गैरों   के  लिए   अपनों   को  मारा  है आपने ,
    'होरी' इन  अपनों को  नहीं , अब  और    मारिये |
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                 राज कुमार सचान  'होरी'

Sunday, 21 August 2011

ANNA KE NAAM 'HORI' KI KHULI CHITTHI

  अगर लोकपाल  तानाशाह  बन गया .....
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अन्ना जी आपको सम्पूर्ण  आदर के साथ प्रणाम  करते हुए कहना चाहता हूँ  कि हमारे   संविधान निर्माताओं , स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले नेताओं ने ऐसी  व्यवस्था की थी जिस से प्रधान मंत्री , राष्ट्रपति , सेनाओं का प्रमुख ,उच्चतम न्यायलय का मुख्य न्यायाधीश  इनमे से कोई भी इतना सर्वशक्तिमान न बनने पाए  की एक दिन वह तानाशाह ही बन कर देश की सारी सत्ता  अपने हाथ में ले ले | इसी का परिणाम है की देश सुरक्षित है | इसी कारण आप और आप के साथ जनता आन्दोलन कर पा रही है , हर किसी को अपनी बात रखने में स्वतंत्रता है | भूल गए ७५ की इमरजेंसी ?
                        आप अपने आन्दोलन और अनसन के बल पर अगर संसद को झुका कर एक सर्वशक्तिमान , तानाशाह  लोकपाल बनवाने  में सफल हो गए और भविष्य में एक तानाशाह लोकपाल आ गया , प्रजातंत्र को नष्ट कर दिया  तब यह देश बिखर जायेगा , जिसके लिए आपको भावी पीढियां क्षमा नहीं करेंगी और न ही गाँधी , सरदार पटेल , सुभाष  , भगत सिंह जैसे अनेकों की आत्माएं तुम्हे कभी माफ़ करेंगी | अभी समय है ...थोडा सोचो ... तुम्हारे साथी भी सोचें  ऐसे ही आज़ादी नहीं मिली , इसे फिर गंवाना नहीं चाहेंगे |
                            एक और महत्वपूर्ण तथ्य  जनलोकपाल यानि अन्ना के लोकपाल पर ...शिकायत कर्ता को इतनी छूट  है कि गैर जिम्मेदाराना शिकायतों की बाढ़ आजायेगी , कार्यपालिका के काम शिथिल पड़ जायेंगे| कर्मचारी , अधिकारी , मंत्री और अन्य निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति शिकायतों के भय से  काम में अनावश्यक  विलम्ब करेंगे | कुछ  दलाल और माफिया  प्रकार के लोग कार्यपालिका को हर स्तर पर ब्लैकमेल करेंगे , परिणाम स्वरुप देश का विकास बाधित होगा |
                                         अन्ना उनके साथियों, और जनता   के नाम खुली चिट्ठी 
                                                  राज कुमार सचान 'होरी'

Saturday, 20 August 2011

SAMAJ ,CHINTA , AUR CHINTAN

भ्रष्टाचार के विरुद्ध सारे देश का आन्दोलन ..
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अन्ना के नेतृत्व  में   भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन अपने पूरे  उत्कर्ष पर है | एक नए भारत का  उदय होगा ऐसा  विश्वास  है | अनेक क्षेत्रों  में  समाज और सम्पूर्ण  राष्ट्र को लाभ होगा |देश तेजी से प्रगति करेगा , इसमें कोई दो राय नहीं |
                                           इस समय जब सब का जोश उफान पर है , मई अपनी एक चिंता से आप सबको जोड़ना चाहता हूँ | आप ९५% गांवो में आज भी  रह रहे पिछड़े  कुर्मी समाज के सर्वाधिक जागरूक सदस्य  हैं |आप नगरों में रह रहे हैं , पर आपके परिवारीजन , बन्धु बांधव  अधिकाँश संख्या में  गांवों  में ही निवास कर रहे हैं | किसानों की शुद्ध आय दिनोंदिन  कम  होती जा रही है  , वे और गरीब हो रहे हैं | अनेकों लघु और सीमान्त किसानों को मई जानता हूँ ,जो मनरेगा में मजदूरी करने लगे हैं | आपका सम्पूर्ण समाज; जिसमें ग्रामीण सर्वाधिक हैं , गरीबी , विपन्नता से और अधिक जूझ  रहा है | किसानों के लिए आन्दोलन का नेतृत्व  कौन करेगा ? शहरी वर्ग तो कदापि नहीं | फसलों की लागत समर्थन मूल्य से  कहीं ज्यादा है , कौन दिलाएगा उनको उनका  हक़ ?
                                     एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का ही ले लीजिये ..... आपकी १३% जनसँख्या है , लगभग ११% यादव  और ८% ब्राह्मण समाज है , लेकिन आंकड़ों पर चिंतन करें , मनन करें और चिंता भी करें | आप राजनीति में , पत्रकारिता में , साहित्य में  नौकरियों में  इतना  पीछे हैं कि तुलना भी बेमानी लगती है | मुझे मालूम है अपनें  समाज के इन क्षेत्रों में होने वाले व्यक्तियों के नाम आप उँगलियों में गिन लेते हैं , पर औरों की गिनती करके देखिये, आप हांफ जायेंगे , गिन नहीं पाएंगे |
                                  इन सब समस्याओं  , पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आन्दोलन करने कोई  गाँधी  , नेहरु  ,अन्ना नहीं आयेगा | आएगा तो आपके मध्य से ही |जागिये , उठिए , खड़े होईये ,देखते , देखते  जो आपसे पीछे थे  आगे निकल गए | क्या देश में अन्य के साथ कंधे से कन्धा  मिला कर नहीं चलेंगे , पिछड़ेपन का अभिशाप यूँ ही ढोते रहेंगे ?किसानों की सुध बुध नहीं लेंगे ?
                                               राष्ट्रीय स्तर पर  अखिल भारतीय कुर्मिक्षत्रिय महा संघ  का गठन इन्ही गंभीर  समस्याओं के निराकरण के लिए किया गया है | हम आपके साथ हैं | आप भी हमारा साथ दें | 'संघे शक्ती कलियुगे'
                                                       महा संघ में जो जहां  है वहीँ  अपना उत्तरदायित्व  ग्रहण करें | संपर्क करें ...ब्लॉग में दिए गए  ई मेल्स  के माध्यम से |
                                                                     kurmikshatriyamahaasangh. blogspot .com     

Thursday, 28 July 2011

OM NAMAH SHIVAY [HORI KAVYA SAAGAR SE ]

                                                                                          ओम नमः शिवाय [होरी काव्य सागर से ]
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                                   देश में बढ़ती जाती दिनदिन,  हिजड़ों की नव टोली |
                                   हाव  भाव  हम  उनके  सीखे , सीख गए हैं ,  बोली ||
                                   गंभीर  समस्याओं  के हल  में  , बजा  रहे  हैं ताली,
                                   और उन्हीं  की भाँति निकालें  ..मुख से 'आय हाय' ||
                                    ओम    नमः   शिवाय  ,   ओम   नमः   शिवाय ||
                                  *********************************************************
                                    कभी गरीबी  , कभी  अशिक्षा , कभी धर्म  की  आड़ |
                                    जनसँख्या  के हम  नित , नित , करते   खड़े  पहाड़ ||
                                    भगवान  की देन  हैं  बच्चे, कह  पुनः  शुरू  हो जाते ,
                                    बच्चे  जनने  की मशीन  को,  निश  दिन रहे चलाय ||
                                    ओम    नमः    शिवाय  ,     ओम    नमः    शिवाय ||
                                    **********************************************************
                                    आँखों   में   पट्टी   क्यों   बाँधे , न्याय्कारिणी    देवी ?
                                    आँख  की अंधी , गाँठ  की  पूरी   , न्याय्धारिणी  देवी ||
                                     मनुज न्याय है मत्स्य न्याय क्यों बनता जाता दिन दिन?
                                     चौराहों  पर   चर्चा   क्यों   है ? आज  बिक   रहा  न्याय ||
                                     ओम    नमः    शिवाय     ,    ओम    नमः    शिवाय   ||
                                      **********************************************************
                                    कहीं  कसाब , कहीं  पर   अफज़ल,  मिलते   कहीं  सईद |
                                    भष्मासुर     आतंकी   करते  मिट्टी   ,   हिंद     पलीद || 
                                    पर भारत   में  जमें   शिखंडी ,  युद्ध    करें  क्या  खाक ,
                                    अब   आतंकवाद  में  हे  शिव  , तुम  ही  होउ   सहाय ||
                                    ओम     नमः      शिवाय  ,    ओम     नमः     शिवाय 
                                 ***********************************************************
                                                                    राज कुमार सचान 'होरी'
                                     
                       

Friday, 1 July 2011

kavita7

भारत भू  को  आप हम ,  करते  रहें  प्रणाम |
'होरी' भारत   भूमि  से  , ही   है अपना  नाम  ||
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Friday, 17 June 2011

JAATIYAAN

हम जातियों   का  नंग  नाच   देख   रहे  हैं   |
हम  राजनीति   का   उवाच     देख   रहे  हैं ||
जाति  जाति   की   दुकान  है   सजी   हुयी |
जातिवाद ज़हर  से     ज़मी        तपी हुयी ||
आज देश   में  न  कोई    भारतीय    है   |
जो  भी   है   ,  जहां   भी  है , जातीय   है  ||
जातियों     के    चूल्हों    में    यहाँ  हर जगह ,
हम    राजनीति  रोटियाँ    ही   सेंक    रहे   हैं  |
                                      राज कुमार सचान 'होरी'

Tuesday, 14 June 2011

dictator lokpal

लोकपाल  यदि  बन  गया  , भारत   तानाशाह |
'होरी'   डूबेंगे     सभी   ,    सागर   एक  अथाह ||
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पी ऍम ऊपर  बैठ    कर , लोकपाल  का हाथ  |
'होरी'  देगा  शान   से   ,   एक  एक  को   नाथ ||
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लोकपाल  यदि  बन  गया  ,  सर्वशक्ति संम्पन्न |
'होरी'    भावी   पीढियां  , देख    देख         बदरंग ||
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
                               राज  कुमार  सचान  'होरी'
                                           

Sunday, 12 June 2011

doha5

अनसन  करिए  लेट  कर,  खेत  गली  खलिहान  |
'होरी'   मिलता मुफ्त  में ,  घर   बैठे     सम्मान   ||
%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%
'होरी' आ   अनसन  करें  ,  रखें    अटपटी   मांग  |
'होरी' अपना नाम  कर  ,    खींचो    सबकी    टांग ||
%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%
अन्ना    का   अनसन   कहो  , या बाबा   का  स्वांग |
'होरी' नामा , नाम  सब  , मिले बढे    फिर मांग  ||
                                          राज कुमार सचान 'होरी'

 

Friday, 10 June 2011

AN APEAL

write  for  poor  and  downtroden

Thursday, 26 May 2011

hori sachan: vyang dohe

hori sachan: vyang dohe: "रावण के पुतले जला , क्या कर लेंगे आप उन्हें जलाएं जो यहाँ , रावण के भी बाप **************************************** बा..."

Wednesday, 25 May 2011

vyang dohe

रावण के पुतले जला  ,  क्या  कर   लेंगे  आप |
उन्हें  जलाएं   जो  यहाँ , रावण  के  भी     बाप  ||
****************************************
बाबू  फाईल   देख  कर , नैनन्ह  दीन    बताय   |
बिन  पूजा  भगवान्  भी , काम  न  एको   आय ||
****************************************
चूर्ण   छुधावर्धक  लिया  ,  भूख   बढ़ी   विकराल |
नेता   जी  खाने   लगे   ,  सड़कें   पुल  तत्काल    ||
                                                       
                                                    राज कुमार सचान होरी

Tuesday, 17 May 2011

castes in muslims

according " Faawa-i  jahandari," written by Ziauddin Barani , a member of the court  of  MUHAMMAD BIN TUGLAQ, DELHI SULTANATE / According him ........
     
[1] ASHARAF....includes all decendents of foriegn muslims ... Arabs , Persian ,Afgaans etc .and also converts from upper class hindus.........Asharafs includes 'Sayyads' ,'shiekhs' 'Mughals' and 'Pathans'

[2] AJLAFS ....From conversions of lower castes  hindus .... ajlaf means wretches or mean people. they are also called 'itar' 'base' or 'rasil' i.e...'worthless'.    these include   various functional castes   such as  'weavers' 'tailors' etc     . some maintained their titles   like  tomar ,chandel ,chauhan etc .

[3] ARZALS ...Term arzal stands for ' degraded' ..... this group was first recorded in the 1901 census in india and were also called ' dalit muslims' with whom no other mohammdan would associate and who are forbiden to enter the mosque or to use ' public burrial grounds ' they carry scavenging and carry night soil . to few extent untouchability is found.  these are further divided ....'bhanar', 'kasbi' 'halbegi' 'halalkhor' 'hizra' maugta' and 'mehtar'/   
                                  RAJ KUMAR SACHAN HORI

Thursday, 12 May 2011

Wednesday, 11 May 2011

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’: "मात्र शब्दों के खेल को कविता न मानने की उद्घोषणा करने वाले कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’ की कविताएँ हिन्दी में प्रचलित म..."

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’: "मात्र शब्दों के खेल को कविता न मानने की उद्घोषणा करने वाले कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’ की कविताएँ हिन्दी में प्रचलित म..."

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’: "मात्र शब्दों के खेल को कविता न मानने की उद्घोषणा करने वाले कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’ की कविताएँ हिन्दी में प्रचलित म..."

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’

Raj Kumar Sachan 'HORI': कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’: "मात्र शब्दों के खेल को कविता न मानने की उद्घोषणा करने वाले कवि श्री राजकुमार सचान ‘होरी’ की कविताएँ हिन्दी में प्रचलित म..."

raashtra jaatiyon se oopar

jaatiyon ko paraspar jodne ke liye unme adhik se adhik roti beti ke sambandh karne aur karaane honge.विवाह कराने वाली संस्थाओं से संपर्क स्थापित करने होंगे / अपनी संस्थाओं ....india fights casteism और जाति तोड़ो राष्ट्र जोड़ो को व्यापक बनाना होगा